dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

रविवार, 28 सितंबर 2014

चिठ्ठी - विनय बिहारी जी के नाम




   
श्रीयुत् विनय बिहारीजी  

   माननीय कला एवं संस्कृति मंत्री,बिहार ।

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नवरात्रा की शुभकामनाओं के साथ कहना चाहूँगा कि मुझे पूर्व में कुछ दिन आपके सानिध्य में आने का सौभाग्य रहा है और आप मेरे FB मित्र भी हैं इसलिये, आपसे खुली बात करने में मुझे कोई संकोच नहीं है।

      आपने दरभंगा के KSDS विश्वविद्यालय के सभागार में घोषणा की कि दरभंगा में रवीन्द्र भवन बनेगा।इसमे क्या शक कि रवींद्रनाथ टैगोर पूरे देश के गौरव हैं परंतु, मिथिला में भी विभूतियों की कमी नहीं।स्वयं रवींद्र नाथ टैगोर ने विद्यापति की रचना से प्रभावित होकर भानुसिंहेर पदावली की रचना की।तो मिथिला मे पहले तो महाकवि विद्यापति फिर, रवींद्र नाथ टैगोर।वैसे भी, मिथिला याज्ञवल्क्य,गौतम,कणाद,कौशिक,कपिल,द्विजेश,मंडन मिश्र,शुकमुनि,सीता,हनुमान,जैसे ईश्वरीय नामों से विभूषित है।मिथिला मे इनलोगों के नाम से संस्थान बनबाइये और यशस्वी बनिये।

   (2)मैथिली मंच पर भोजपुरी गीत गाकर कृपया, मैथिलों को दिग्भ्रमित नहीं करें।हमें किसी भी भाषा से कोई दुराव नहीं।परंतु,मैथिली की महत्ता आप जान पायेंगे तो आप भी मैथिली-मैथिली करेंगे।इस भाषा की अपनी लिपि,अपना व्याकरण,विश्व प्रसिद्ध साहित्य और साहित्यकार हैं जिसके आधार पर मैथिली को संविधान की अष्टम् अनुसूची में स्थान मिला।भोजपुरी भाषा की विचित्र स्थिति है।

       वस्तुतः यह काशी में अवधी से मिलती जुलती है,चंपारण में चंपारणी भाषा है,पटना के इर्दगिर्द यह मगही है।वस्तुतः भोजपुरी केवल आरा,छपरा,बलिया और बक्सर तक सिमटी है। किसी भी भाषा की साहित्यिक पहचान उसकी सहायक क्रियायों से होती हैं जो आजतक भोजपुरी में निर्धारित ही नहीं हो सकी।कहीं बा,कहीं लन,कहीं खे ।क्या जरूरत है मैथिलों को इस उलझन में पड़ने की।आपकी भाषा है,आप इसकी सेवा में लगे रहें, कोई आपत्ति नहीं परंतु,मिथिला में कला संस्कृति विभाग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मैथिली का प्रभुत्व रहने दीजिये।यह जगज्जननी जानकी की मातृभाषा है ।इसे अपने ही घर में प्रभावहीन करने की राजनीति नहीं कीजिये। यह मेरा व्यक्तिगत अनुरोध है।आशा है आप मेरा पोस्ट पढ़कर मनन करने का कष्ट करेंगे।
सधन्यवाद।

शनिवार, 27 सितंबर 2014

मिथिला मंथन यात्रा

 मिथिला मंथन यात्रा

  मिथिलाक समस्या , सामर्थ, आ समस्या के निदान   के जानतब हेतु मिथिलाक जागरण रथ       ३१ अक्टूबर स ६ नवेंबर तक

१) पहिल रथ बलिराज गढ़ स : झंझारपूर, सकरी ,मधुबनी ,जयनगर, बसैठा, दरभंगा, बेनीपुर ,बिरौल ,रोसरा ,समस्तीपुर ,दलसिंग सराय होईत सिमरिया घाट तक

२)दोसर रथ सीतामढ़ी स : रीगा ,घोरा हसन ,आदापुर, रक्सौल, सुगौली ,बेतिया ,मोतिहारी ,मुजफ्फरपुर ,हाजीपुर ,जनदाहा स साहपुर पटोरी होईत सिमरिया घाट तक

३)तेसर रथ बनगाउ स : सहरसा ,सुपौल ,मधेपुरा ,अररिया ,किसनगंज ,पूर्णिया ,कटिहार ,कुरसेला ,नब्गछिया ,खगरिया ,बखरी ,बेगूसराय होईत सिमरिया घाट तक 


अपने सब गोटे सौं आग्रह अहि मिथिला मंथन यात्रा मे यथासक्ती अपन सहयोग द अहि मिथिला मंथन यात्रा के सफल बनाबी
जय मिथिला जय मैथिली
अरविंद कुमार झा
सचिव अखिल भारतीय मिथिला पार्टी


शनिवार, 20 सितंबर 2014

दिल्लीमे मिथिला-मैथिलीक उन्नयन


दिल्लीमे मिथिला-मैथिलीक उन्नयन
उन्नयन यानि एहेन काज जाहि सँ उन्नति हो -     
       
   निस्सन्देह पैछला सप्ताहान्त १३ सितम्बर दिल्लीक साईंधाम मे आयोजित 'मैथिली महायात्रा शुभारंभोत्सव - २०१४' सँ लगातार दिल्ली मे 'मैथिली-मिथिला' केर उन्नति हेतु एक सऽ बढिकय एक कार्यक्रमक आयोजन कैल गेल अछि। बस एक सप्ताहक भीतर दुइ अति महत्त्वपूर्ण आयोजन सम्पन्न भेल अछि।
    
१५ सितम्बर लोधी रोड सभागार मे मैथिली फिल्म 'हाफ मर्डर' केर स्क्रीनींग शो केर आयोजन कैल गेल। तहिना मिथिला मिरर - मैथिली केर राष्ट्रीय न्युज पोर्टल द्वारा काल्हि वार्षिकोत्सव केर रूप मे 'विशिष्ट सम्मान समारोह - २०१४' केर सफलतापूर्वक आयोजन कैल गेल जाहि मे दर्जनो मैथिली-मिथिला विशिष्ट योगदानकर्ताकेँ सम्मानित कैल गेलनि।
           मिथिला प्राचिनकाल सँ विद्यागाराक रूप मे प्रसिद्ध रहल अछि। आइ जखन शिक्षा प्राप्ति लेल मिथिला केन्द्रक विकेन्द्रीकरण होइत उनटे मिथिला पिछडल आ उपेक्षित क्षेत्र मे गानल जाइत अछि तैयो एहि ठामक शिक्षित व्यक्तित्व दुनिया भरि मे अपन प्रतिभा सँ शिक्षाक प्रसार मे पूर्ववत् लागल छथि। ई कहब अतिश्योक्ति नहि होयत जे दुनियाक सबसँ प्रसिद्ध होवार्ड विश्वविद्यालय या कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय सँ लैत हर देश केर प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान मे मैथिलक उपस्थिति ओहिना अछि जेना भारतक विभिन्न लब्धप्रतिष्ठित विश्वविद्यालय व शिक्षण संस्थानमे मैथिल शिक्षक केर उपस्थिति विद्यमान अछि। मैथिल कतहु रहैथ, अपन विद्या आ उच्च संस्कार सँ ओहि समाज केँ नहि मात्र पारंपरिक शिक्षा प्रदान करैत छथि, वरन् भाषा-संस्कृति आ संस्काररूपी व्यवहारिक शिक्षा सेहो ओ अपन लोकपावैन व भिन्न-भिन्न आयोजनक मार्फत मानव समुदाय केँ दैत रहैत छथि। विगत किछु सौ वर्ष मे जखन मिथिलादेश टूटैत-टूटैत आब मात्र 'मिथिलाँचल' नामक क्षयशील भूत रूप मे जीबित अछि ताहि विपन्न समय मे फेर टुकधुम-टुकधुम लोकजागृति अपन 'सनातन शक्ति' केँ स्मृति मे आनि पुरखा नैयायिक गौतम, मीमांसक जैमिनी, सांख्य-उद्भेदक कपिल ओ जीवन‍-आचारसंहिता निर्माता याज्ञवल्क्य सहित नव्य-नैयायिक वाचस्पति एवं बच्चा झा केर त्यागपूर्ण कीर्ति मिथिलाकेँ फेर सँ जियेबाक लेल वचनबद्ध बनि रहल छथि। सलहेश, लोरिक आ दीनाभद्रीक जनसेना फेर सँ फाँर्ह बान्हि रहल छथि। विद्यापति, मंडन, अयाची, चन्दा झा आ सब विभूति बेरा-बेरी अपन-अपन शक्ति ओ सामर्थ्यक संग पुन: मिथिला केँ बचेबाक लेल पृथ्वीलोक मे पदार्पण कय चुकल छथि।
        राजकीय शक्ति नहि जानि कोन विद्रोही षड्यन्त्रक कारणे मिथिला-मैथिली केँ एना उपेक्षित केने छथि जेना एकरा जीबित रहला सँ अन्य सबहक नाश भऽ जेतैक या रहस्य अन्जान अछि, शोधक विषय छैक जे आखिर केन्द्र या राज्य केर कोन एहेन मजबूरी छैक जे भारतक अभिन्न हिस्सा मिथिला केँ संविधान द्वारा कोनो सम्मान सही समय पर नहि दैत छैक। मैथिली भाषा सँ पुरान दोसर कोनो साहित्यसंपन्न भाषा नहि, मुदा राजनीति मनसाय केहेन जे स्वतंत्रता प्राप्तिक ५६ वर्षक बाद एकरा संविधानक आठम अनुसूची मे स्थान देल गेलैक।    
मिथिला बज्जि-संघ केर रूप मे पहिल गणतंत्रक अनुपम उदाहरण विश्व केँ देलक आइ ओ भारतीय संघ केर हिस्सा नहि बनि सकल अछि। मैथिली आठम अनुसूची मे स्थान प्राप्त केलक, ओम्हर बिहार राज्य मे मैथिलीक पढाई खत्म करबाक लेल अनिवार्य विषय सँ ऐच्छिक बनायल गेल, फेर शिक्षक केर नियुक्ति नहि करैत मैथिली सँ पूर्णरूपेण विच्छेद कैल गेल आ मैथिली भाषा मे पठन-पाठनकेँ प्रोत्साहन देबाक ठाम पर उनटा हतोत्साहित करबाक विद्वेषपूर्ण वातावरण बनायल गेल। क्षेत्रक आर्थिक उपेक्षाक चर्चा कि करू जतय सँ लोक बिना प्रवास पर गेने अपन पेटो नहि पोसि सकैत अछि। मिथिलाक उर्वरापन बाढि आ सुखार सँ जतेक बर्बाद नहि भेल ताहि सँ बड बेसी बर्बादी एतय राजनीतिक माहौल मे आपसी जातिवादी मनमुटाव सँ लोक खेत मे काज तक केनाय छोडि देलक ताहि सँ बर्बादी बेसी भेल। अछैत उर्वरापन जँ जमीन मे बाँझपन केर प्रवेश देल जाय तऽ लक्ष्मी किऐक नहि रुसती?   
         प्रवास अत्यधिक दिल्ली मे केन्द्रित बुझाइत अछि। मैथिलक बौद्धिक क्षमता आइये नहि, मुगलकाल मे सेहो ओतबे प्रखर छल तैँ ओहि समयक राजधानीक्षेत्र ब्रज-मथुरा-पुरानी दिल्ली मे सेहो रहल छलाह। बाद मे ब्रिटिशकाल मे कलकत्ता आ आब स्वतंत्र गणतांत्रिक भारत मे राजधानी दिल्ली मे हिनका लोकनिक वर्चस्व केँ नकारल नहि जा सकैत अछि। विधानसभा, लोकसभा, विधान-परिषद्, राज्यसभा, राज्यभवन - सबठाम मैथिल केर पहुँच बनि गेल अछि। तैँ कहब जे एतेक महत्त्वपूर्ण जगह पर पहुँचल लोक मैथिली वा मिथिलाक कल्याण निमित्त तत्पर छथि तऽ सरासर गलत होयत। ओ सब एहि प्रति पूर्ण बेईमान छथि। लेकिन वर्तमान प्रक्रिया यानि 'आम मैथिल जागरण' सँ आब कुम्भकरणी निन्न टूटि रहल छन्हि। निस्सन्देह आब इहो सब दिल्ली मे सेमिनार, गोष्ठी आ विद्वत् सभा कय रहल छथि। बहुत जल्दी ई सब 'जनसभा' मे परिणति पाओत से विश्वास राखू। साहित्यिक संस्कार जखनहि समाज मे अपन ओजरूपी बीज केँ छीटैत छैक, तऽ अंकुरा सीधे क्रान्तिरूपी गाछ केर जन्म दैत छैक। प्रजातंत्र मे प्रजाक महत्त्व सर्वोपरि रहलैक अछि। एहि मादे मैथिल अभियानी लोकनि धन्यवादक पात्र छथि जे भाषा-संस्कृति, सिनेमा, पत्रकारिता सहित समाजक उन्नयन संग मैथिली-मिथिलाक उन्नयन लेल डेग निरन्तर बढा रहल छथि। धन्यवाद दिल्ली!
        
   काल्हिये सम्पन्न मिथिला मिरर केर वार्षिकोत्सव मे एक सऽ बढिकय एक व्यक्तित्व केर पहिचान कैल गेल, हुनकर विशिष्ट योगदान हेतु विशिष्ट सम्मान विभिन्न विशिष्ट नेतृत्वकर्ताक हाथें सौंपल गेल, विवरण निम्न अछि।
१. श्री महेंद्र मलंगिया, मैथिलीक विराट नाट्य लेखन कें मैथिली नाट्य लेख क्षेत्र में
२. श्री विजय चंद्र झा दिल्ली मे मिथिला-मैथिलीक लेल समाज सेवा मे
३. श्री ए. एन. झा चिकित्साक क्षेत्र में वर्तमान मे देशक सब सँ पैघ न्युरोसर्जन आ मेदांता मेडिसिटी अस्पतालक विभागाध्यक्ष
४. डा. शेफालिका वर्मा मैथिली साहित्य लेखन
५. श्री संजय कुमार झा भारतीय प्रशासनिक सेवाक क्षेत्र में वर्तमान में चीफ विजिलेंश कमिश्नर वित्त मंत्रालय भारत सरकार
६. श्री आर. डी. वर्मा व्यवसायक क्षेत्र मे चेरयमैन वीएचआर ग्रुप
७. श्री प्रकाश झा मैथिली रंगमंचक निर्देशन मे
८. श्री कौशल कुमार मैथिली फोन्ट्स (मिथिलाक्षर युनिकोड) निर्माणक क्षेत्र मे
९. श्री संजय सिंह फिल्म आ थियेटर, फिल्म गैंग आॅफ वासेपुर में फज़लू भैया आओर फिल्म राॅकस्टार मे रणबीर कपुरक संग आ देशक श्रेष्ठतम रंगमंच सँ जुडल, राष्ट्रीय नाट्य अकादमी सँ पासआउट,
१०. श्री बिमल कांत झा, सहरसा मे मिथिला-मैथिलीक लेल सतत सेवा प्रदान करनिहार एक प्रतिबद्ध व्यक्तित्व वर्तमान दिल्ली सरकार मे रजिस्ट्रारक पद पर कार्यरत,
११. श्री विष्णु पाठक मूल रूप सँ बेगुसराय निवासी आ समाजसेवाक क्षेत्र मे आगु रहनिहार,
१२. श्रीमती अनिता झा मूल सं बलाइन मधुबनीक रहनिहाइर आ खानदानी मिथिला पेंटिंग सँ जुड़ल आ करीब 200 सं बेसी लोक केँ प्रशिक्षण देनिहाइर, हिनकर कीर्ति फ्रांसक तत्कालिन राष्ट्रपति निकोलस सर्कोजी द्वारा प्रशंसित-स्वीकृत, शीला दीक्षित, नीतीश कुमार, दिल्ली मेट्रो द्वारा सेहो प्रशंसित-स्वीकृत, मूल रूप सँ तांत्रिक-पद्धति पर आधारित पेंटिंग मे महारात हासिल,
१३. श्री मेराज सिद्दिकी मैथिली भाषाक लेल अग्रसर मुस्लिम युवा आ अंतरराष्ट्रीय दरिभंगा फिल्म महोत्सवक जनक
१४. श्री किसलय कृष्ण मैथिली फिल्म आ पत्रकारिता
१५. श्रीमती आशा झा टीवी एंकर वर्तमान में प्रतिष्ठित समाचार चैनल न्यूज़ नेशन में कार्यरत
१६. श्री विश्व मोहन झा मीडिया आओर विज्ञापनक क्षेत्र मे
जय मिथिला - जय जय मिथिला!!
हरि: हर:!!

मंगलवार, 16 सितंबर 2014

मैथिली चलचित्र 'हाफ़- मर्डर' केर 'स्नीक-पीक' प्रीव्यू स्क्रीनिंग कार्यक्रम

सोम दिन 15 सितम्बर 2014 क' लोधी रोड दिल्ली स्थित लोक कला मंचक वासुकि सभागार में नव-निर्मित मैथिली चलचित्र 'हाफ़- मर्डर' केर 'स्नीक-पीक' प्रीव्यू स्क्रीनिंग कार्यक्रम केर आयोजन कयल गेल छल। मनीष बौआ भाई केर सुन्दर सधल संचालन आ विभय झाक संयोजन में एहि कार्यक्रम के उदघाटन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी श्री संजय कुमार झा केर कर-कमल स' संपन्न भेल। बहुचर्चित मधुबनी काण्ड पर आधारित एहि सिनेमाक निर्देशक श्री रमानाथ झा आ सह- निर्माता श्री आदित्य मिश्र जी छथि। विभिन्न प्रकारक विवादित चर्चा जहिना मधुबनी काण्ड के संग रहल तहिना किछु एहि सिनेमाक संग सेहो रहल मुदा नीक हाथ में आबि ई चलचित्र आब रिलीज़ के लेल तैयार अछि अपन पूर्णताक संग। बड्ड रास सिनेमा बनल एखन धरि मैथिली में लेकिन एखनो तक मैथिली सिनेमा के ओ पहचान या 'रेकोग्निशन' नहि भेट सकल अछि जेकर ओ हकदार अछि। मुदा 'हाफ-मर्डर' पर जतबा मेहनत कयल गेल अछि ओ एकरा एकटा अलग श्रेणी के सिनेमा में राखैत अछि। एकर गीत-संगीत, ध्वनि- गुणवत्ता, फिल्मांकन आ सिचुएशनल पार्श्व संगीत एकर मजगूत पक्ष अछि। नामी गिरामी गायक जेना सर्वश्री रविन्द्र जैन, मो. अज़ीज़, कुमार शानू, शान, कविता कृष्णमूर्ति, उदित नारायण झा, ज्ञानेश्वर दुबे आ सुनील पवन जी इत्यादि द्वारा गाओल गीत में स' किछु गीत बेहद कर्णप्रिय बनि गेल अछि आ बेर बेर सुनवाक मोन होइछ। जल्दिये ई गीत सब मिथिला में लोकप्रिय भ जायत एहना बुझना जाइछ। कुशल अभिनय आ निर्देशन स' सजल सत्य घटना पर आधारित ई फ़िल्म अंत तक दर्शक के बाइन्ह क' रखबा में सफल होइत अछि। कुल मिला क' ई कही त'
कोनो अतिशयोक्ति नै हैत जे बड्ड दिनक बाद एकटा नीक मैथिली सिनेमा आयल अछि जेकरा पूरा परिवारक संग सिनेमा हॉल में देखल जा सकैछ। सिनेमा किछु अनुत्तरित सवाल सेहो छोड़ैत अछि मुदा सभवतः ओ अहू बातक द्योतक भ' सकैछ जे एकर सफलता देखैत एकर दोसर भाग या सिक्वेल बनय कालान्तर में। कदाचित ओ 'फुल-मर्डर' हो.....! सिनेमा एकटा नीक सन्देशक संग ख़तम होइत अछि जे समाज के नीक आ वेजैह में फ़र्कक संग सुधारक लेल प्रेरित करैत अछि। मिथिला आ मैथिली आन्दोलन तथा भाषा के सशक्त करवाक दिशा में मैथिली सिनेमा के बड्ड पैघ योगदान भ' सकैछ। ताहि हेतु धन्यवादक पात्र छथि एहन पुनीत प्रयास करय वाला मैथिल पूत। हमर शुभकामना अछि जे हाफ़- मर्डर सिनेमा नव कीर्तिमान स्थापित करय संगहि हम धन्यवाद दैत छियनि आयोजक के हमरा एहि सिनेमाक प्रीमियर पर आमंत्रित करवाक हेतु ।

सोमवार, 15 सितंबर 2014

मिथिला म- मैथिलीक मौलिक अधिकारक रक्षाक लेल शुभारम्भा कलश यात्रा दहेज़ मुक्त मिथिलाक अगुवाई में डेल्ही सं

मिथिला - मैथिलीक  मौलिक अधिकारक  रक्षाक लेल  शुभारम्भ  कलश यात्रा ,  दहेज़ मुक्त मिथिलाक  अगुवाई में  देल्ही  सं
Pravin Narayan Choudhary- 
हम एक बेर फेर समस्त दिल्लीवासी गंभीर एवं प्रतिबद्ध मिथिला-मैथिली प्रेमीजन केँ हार्दिक धन्यवाद देबय चाहब जे अपने लोकनिक सहयोग सँ एतेक भव्यता संग काल्हिक कार्यक्रम संपन्न भेल। एक तऽ मानव ताहू पर सँ अनेको तरहक भौतिक भोग-व्यसन सँ रोगग्रस्त कमजोर मानसिकताक शिकार हम प्रवीण एवं समस्त आयोजन पक्ष कतेको प्रकारक त्रुटिपूर्ण प्रस्तुति केने होयब, ताहि सब लेल अपने लोकनि क्षमा करब। किछु महत्त्वपूर्ण घोषणा सब करबाक छल, किछु अभियानक जानकारी सब देबाक छल, लेकिन कार्यक्रम अपन गति मे चलि देबाक कारणे हमरा वश मे किछु नहि रहि सकल। तैँ बेर-बेर मात्र क्षमायाचना टा करब। जे किछु त्रुटि भेलैक ताहि लेल आगाँ आरो सुन्दरता संग सुधार अनैत दिन-ब-दिन बेहतरी केर दिशा मे हम सब बढब से विश्वास बढि गेल।
आयोजन पक्षक मित्र लोकनि!
    
      अहाँ सबहक ऋण सँ ऊऋण हम कहियो नहि भऽ सकब। अमरनाथजी केर निरंतर सहयोग, डिजाइनिंग सहित कार्यक्रम लेल अत्यन्त महत्त्वपूर्ण मानल जायवला सामरिक सहयोग एवं प्रखरता-ओजस्वी संचालन करैत पुन: समीक्षा तक अपनेक संग अविस्मरणीय रहल। संजीव भाइ द्वारा बौद्धिक-वैचारिक आ अतिथिक सूची निर्धारण करैत 'कमल संदेश' केर कार्यालय पर्यन्त संयोजन हेतु उपलब्ध करेनाय - ओह शब्द नहि अछि जे हम धन्यवाद कय सकी। बस, आह्लादित हृदय सँ हमर स्नेह स्वीकार करब। कौशलजी केर सह-संयोजन मानू जेना प्रवीणक दोसराइत बनि सब बागडोर सम्हारलैन, आ केहन हमर स्मृति जे अहाँक अभियान पर जे चर्चा करेबाक छल वैह मनमस्तिष्क सँ बाहर चलि गेल। लेकिन याद राखब, जगज्जननी मैथिली केर कृपा, हम अहाँक हरेक सपना केँ साकार करबाक लेल आइये आ एखनहि सँ प्रण करैत छी। किछु समय देल जाउ। पहिने सँ दिमाग मे जे सब रहल से सब शालीनतापूर्वक संपन्न भेल आ आब मिथिलाक्षर फोन्ट विकास मे यथाशीघ्र निश्चित प्रगति आनि सकब, से गछैत छी। दिसम्बर २०१४ धरि ई कार्य पूरा करबायब, अहाँ निश्चिन्त रहू। हमर 'दि बेस्ट एफोर्ट्स' एहि विन्दु पर आगामी समस्त कार्यक्रम - भ्रमण, अभियान मे ई योजना शामिल रहत। आइ प्रामिस यू! प्रकाश भाइ, मैलोरंग - अहाँक सृजनशील आ क्रान्तिकारी योजना निर्माण हमर मनक बात करैत प्रमुख अतिथिक चुनाव सुझाव मे सहयोग केलक - सहभागिता हेतु अपनेक हर प्रयास नमन योग्य भेल।
फेसबुक केँ धन्यवाद - जे भाइ नरेन्द्र मिश्र संग भेट करौने छल। भाइ अपन संस्थान 'साईंधाम' केर दर्शन करबैत गछने छलाह जे कहियो अहाँ सब मिथिला लेल एतहु अभियान संचालित करू। ओ जहिना एतेक बात कहलैन, तहिये सँ दिमाग मे चलि रहल छल। सब मित्रवर्गकेँ कहने रही जे मिथिला-मैथिली प्रति अगाध सिनेह रखनिहार नरेन्द्र भाइजी केँ हम सब जोडिकय स्वयंसेवा सँ अपन मातृभूमि-मातृभाषा सहित संस्कृति-साहित्य-समाज लेल आगू बढब। ठीक तहिना भगवतीक कृपा सँ एहि बेर संभव भेल। भाइकेँ एक बेर फोन करिते सांगोपाँग तैयार आ तत्पर रहैत सहयोग देबाक वचन देलनि। काल्हि कार्यक्रम मे हुनक स्वैच्छिक योगदान सँ कार्यक्रम स्थल, साज-सज्जा, अतिथि-सत्कार (जलपान सहित) सहयोग लेल पूरा कार्यालय एवं साईंधाम केर अधिकारीवर्ग केँ तैयार अवस्था मे उपलब्ध करौलनि। साईंधाम केँ हृदय सँ धन्यवाद आ आभार प्रकट करैत नरेन्द्र भाइजीक एतेक पैघ सहयोग प्रति बेर-बेर नमन करय चाहब।
कम समय मे सोचल एहि कार्यक्रम एकमात्र महादेव केर प्रेरणा सँ साक्षात् जगज्जननी मिथिला धिया सिया एवं गौरीक कृपा सँ संभव भेल। किछु भाइ लोकनि नहि आबि पेला। शेफालिका माय आ निवेदिता बहिन केर अनुपस्थिति बड कचोटलक। लेकिन आदित्य भूषण मिश्र संग हुनक एक मित्र स्वयं सियारूप मे आबि कार्यक्रमरूपी शिव केँ शव होमय सँ बचबैत स्वयं पूर्ण कार्यक्रम अवधि भरि लेल शक्तिस्वरूपा अन्नपूर्णा बनि विराजमान रहली आ मैथिली नहि बुझितो ओ आनन्दमग्न होइत अपनो एक प्रस्तुति हिन्दी मे पूर्ण मर्मसँ भरल प्रस्तुत केलीह। कविश्रेष्ठ मैथिलक कमी नहि रहल। मनीष झा बौआभाइ, आदित्य भाइ, नितेश कर्ण, किशन कारीगर, जगदानन्द झा मनु भाइ... रामानाथ बाबु, विमल बाबु, विजय काका, विजय जेट भाइ, संजय नागदह भाइ... मस्त वातावरण मे मैथिली जिन्दाबाद - मिथिला जिन्दाबाद होइत रहल। बिजली गूल भेलाक बाद कवि लोकनिक उत्साह एहेन चरम पर छल जे मोमबत्तीक रौशनी मे सेहो कविता वाचन चलैत रहल। अन्त मे बिजली केँ फेर आबय पडलैन।
     
अक्षय बाबु केर आलेख लेल देल समय - बहुत कमे समय मे दिन-राति एक करैत समस्त संवैधानिक सन्दर्भ पर प्रकाश दैत हम मिथिलावासीक मौलिक अधिकार पर प्रकाश देबाक एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण आलेखक प्रस्तुति ऐतिहासिक भेल। एहि विषय पर गंभीर कार्य करैत जाहि तरहें सुझाव देल गेल से मनन एवं अनुकरण योग्य अछि। डा. देवशंकर नवीन - हमरा लोकनिक मार्गदर्शक - हिनक प्रमुख आतिथ्य कार्यक्रम लेल पूर्ण चन्द्रमाक शीतल - निश्छल चाँदनीक समान छल। ऋतेशजी एवं शिशिर बाबु संग नीलमाधव चौधरी सर केर सरस प्रोत्साहित करयवला उपस्थिति आ राखल गेल आलेख पर टिप्पणी सारगर्भित छल। नाउ एण्ड देन - मिथिला मेन - दहेज मुक्त मिथिलाक प्रथम संरक्षक महोदय कृपानन्द सर केर अध्यक्षता कार्यक्रम केर पूर्णता हेतु मोहर लगेबाक काज केलक। तहिना परम आदरणीय वरिष्ठ विकासवादी अभियानी आ हमरा लोकनिकेँ सदिखन आशीर्वाद सँ प्रेरित करनिहार अखिल भारतीय मिथिला संघ केर अध्यक्ष श्री विजय चन्द्र झा केर उपस्थिति मिथिलाक भीष्म पितामह समान छल। ऋषि मलंगिया भाइ केर सहयोगी - प्रेरक वचन सँ डेग-डेग उठबैत मात्र ४ दिन मे कार्यक्रम केँ सफलता संग संपन्न कैल जा सकल। नीरज पाठक, रामचन्द्रजी, हेमन्त भाइ, प्रसुन प्रशान्त, मिहिर बाबु - हम कतेक नाम गनाउ।
दिल्ली मे आब बुझाइते नहि अछि जे अपन निजी गाम नहि हो। अहाँ सबहक उर्जा सँ हमर उर्जा हजारो गुना बढि गेल अछि। सुनील पवन जी द्वारा कलश यात्राक प्रथम चरण लेल जोश-भरल मदैद - विश्वास राखू, अहाँक हर सपना पूरा होयत आ मिथिला-मैथिली लेल ई देन कदापि कियो बिसरि नहि सकत।

गुरुवार, 11 सितंबर 2014

मैथिली महायात्रा शुभारंभोत्सव २०१४


हकार:-------------------




मैथिली महायात्रा शुभारंभोत्सव २०१४

समय: ४ बजे सायं काल स' 
 
दिनांक: १३ सितम्बर २०१४ (शनि दिन)

स्थान: साईं धाम, प्रसाद नगर (टैंक रोड पार्किंग)

राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन के समीप, नई दिल्ली 
 
दूरभाष: ०११ - २५७५०५३१ / ३२
 आयोजक:  -



     दहेज़ मुक्त मिथिला नेपाल एवम् भारत संयुक्त , कृपया ध्यान 
देब जे 'मैथिली भाषासेवी' - चाहे साहित्य, समाज, संस्कृति, कला,
 रंगकर्म, लेखनी, पत्रकारिता, शिक्षण, प्रशिक्षण, कोनो क्षेत्र मे जुडल 
लोक एहि कार्यक्रम मे अनिवार्यरूप सँ भाग लेब।


  सीमित सहभागिता संग संचालित एहि कार्यक्रम मे भाग लेनिहार
 अपन नाम, नंबर पहिने जरुर पोस्ट/मैसेज करी। संगहि, जे कियो अपन
  प्रस्तुति देबाक लेल इच्छुक होइ ओ अपन आलेख, विचार, कविता,


कथा, पहिने सँ पोस्ट करी

बुधवार, 10 सितंबर 2014

अति आवश्यक सूचना: (समस्त मैथिल समाज संग मानव समाज लेल)


अति आवश्यक सूचना: 

(समस्त मैथिल समाज संग मानव समाज लेल)


दहेज मुक्त मिथिला एक आन्दोलन थीक जे सभक जबान पर आबि गेल अछि। निरंतर प्रयास सऽ युवा लगायत अभिभावक वर्ग में सेहो एहि आन्दोलन के सार्थकता जोर पर अछि। एहेन कोनो दिवस नहि जे केओ एहि सन्दर्भे अपन जिज्ञासा नहि पठबैथ। सभ के कहब छन्हि जे हुनका सऽ जतेक संभव होयत से सहयोग देब। हमर जबाब सदिखन एकहि:-


१. अपनेक सहज सामर्थ में जे अछि से करू।

२. जाहिठाम रहैत छी, ओहिठाम एक कार्यसमिति निर्माण करू।

३. अपने जाहि गाम के छी ओहि गामक किछु बड़-बुजुर्ग आ युवा-युवती के जोड़ैत एक समिति निर्माण करू।

४. काज बहुत रास नहि - एकदम छोट - जे - अपनेक इलाका में सम्पन्न भेल दहेज मुक्त विवाह केनिहार के सूची निर्माण करैत संस्था द्वारा सम्मान करबाक अवसर बनाउ, विवाह-योग्य वर व कन्या के परिचय संकलन करैत संस्था के वेबसाइट www.dahejmuktmithila.org पर 

प्रोफाइल निर्माण करू, एकर अलावे जे गाम या ठाम में छी ताहि ठामक धरोहर के उपेक्षा दूर करबाक लेल प्रयास करू। समिति के एक प्रमुख व्यक्ति के नाम संस्था के बैनर/पुस्तिका में प्रविष्ट करबाओ।

५. एकर अलावे अपनेक सल्लाह आ सुझाव सऽ निम्न उद्देश्य के पूर्ति तरफ ध्यान दियौक:

*समाजक मूल दुश्मन ‘लैंगिक विभेद’ अन्त करबाक अछि।

*असाक्षरता दूर करबाक अछि, खास कऽ के महिलावर्ग में पूर्ण साक्षरता के विशेष पहल करबाक अछि।

*दहेज मुक्त समाज निर्माण में दहेज के त्याग करनिहार के सम्मान जरुरी, नहि तऽ दहेज लेनिहार दहेज के स्टेटश सिम्बल मानैत समाज में प्रदूषण नित्य बढा रहल छथि आ वर्गीय विभेद के सृजन सेहो कय रहल छथि, से सावधान।

*आजुक २१म शताब्दी में दुनिया के बेटी कतेक आगू चलि गेल... लेकिन जाहि समाज में दहेज प्रथा के प्रभाव अछि, लोक बेटीके शिक्षा कम आ दहेज इन्तजाम में मजबूरी बेसी पड़ैत छथि, एहि तरहें समाज अन्य दहेज मुक्त समाज के अपेक्षा पिछड़ैत अछि।

*स्वेच्छाचार के स्वागत हो - जे अपन इच्छा सऽ नीक घर आ वर के चक्कर में घूमैत छथि आ लूटबैत छथि, हुनका पर केवल दया सऽ भरल एक दृष्टि दी आ हाथ जोड़ि ईश्वर सऽ प्रार्थना करी।

*बहुत रास तथाकथित इन्जिनियर आ एम.बी.ए./एम.सी.ए. आ आधुनिक अनेको तरहक डिग्री लैत इन्तजार में छथि जे केम्हरो सऽ केओ भोलाभाला बेटीवाला आबि किछु माल-खजाना सेहो दैथ आ घर के सुशीला-पुनीता सेहो दैथ... तदोपरान्त असलियत में लोभ के संजाल में फंसा ओहि बेटीवाला के तरह-तरह के मांग सऽ परेशान राखैथ, नहि पूरा भेला पर भोली-मुनियां के सब मिलि प्रताड़ित करैथ... एहेन समाज के दुश्मन के पहचान करू आ सतर्क करू सभके। सावधान।

*हमर सभ के प्रयास में दहेज मुक्त विवाह लेल सहजता हो ताहि के इन्तजाम कैल गेल अछि - www.dahejmuktmithila.org आ www.mithilashaadi.com, https://www.facebook.com/groups/dahejmuktmithila/ पर प्रोफाइल अपलोड/अपडेट करू - तदनुसार जोड़ी के खोजी करू। मुदा सावधान - बहुत रास ढोंगी बाजैत किछु आर आ करैत किछु आर अछि... ताहि हेतु दहेज मुक्त मिथिला के समिति संग सम्पर्क करैत मात्र अन्तिम निर्णय करू अन्यथा संस्था के जिम्मेवारी नहि होयत।

*एको शहर - एको गाम बाकी नहि हो... एहि अभियान संग जुड़य लेल अहाँके सद्‌प्रयास के जरुरैत अछि।
 


     
   https://www.facebook.com/groups/dahejmuktmithila/doc/374593335884737/ एहि पर देखू आ अपन सल्लाह सऽ एकरा आरो पुख्ता करू। 


*अपन परिवार के दहेज मुक्त बनाउ, स्वतः दुनिया दहेज मुक्त बनत। बेसी आडंबर के सेहो बहिष्कार करू। संछिप्त विवाह 

प्रक्रिया आ आवश्यक विध-व्यवहार के पालन हो। आदर्श विवाह प्रारूप सेहो उपलब्ध अछि।

सधन्यवाद!

दहेज मुक्त मिथिला परिवार

सोमवार, 8 सितंबर 2014

दहेज धनक चास्नी

कविता @
दहेज धनक चास्नी भल्ही तु चाख।
मुद्दा ह्रदय मे मनबता तु राख।।
परिश्रम सं जुनी धन कमएबेतखने प्राणी
 तु महान कहेबेबेटा बेच बेच कमएले
 टाका दहेजक नाम पैर देले डाकाई केहन छौ
 तोहर शाखधनक चास्नी भल्ही तु चाख।
मुद्दा ह्रदय मे मनबता तु राख।।
कियो मारी रहल छे सीता के
कियो जारी रहल छे गीता के
हृदय विह्बल चीत चीत्कार
अकर्म्निष्ठ अपराधी के धिकार
जारी सीता के बनएले राखधनक
 चास्नी भल्ही तु चाख।
मुद्दा ह्रदय मे मनबता तु राख।।
चाहे गाम हुए कि शहर सगरो
मच्च्ल दहेजक कहरप्रताण्डित भ् रहल सीता
गीताजरी रहल अछ
सृष्टिक चीताबन्द अछ मृत समाजक वाक धनक
 चास्नी भल्ही तु चाख।
मुद्दा ह्रदय मे मनबता तु राख।।


Prabhat Ray Bhatt

शनिवार, 6 सितंबर 2014

अनंत पूजा

अनंत पूजा 
 
    अनंत भगवान विष्णु सृष्टि के आरंभ में चैदह लोकक 'तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह' केर रचना कयने छलाह । अहि सभ लोकक पालन करबाक हेतु स्वयं 14 रूप में प्रकट भेलाह जाहि सौं अनंत प्रतीत होमेय लगलाह।

        ताहि कारणे अनंत पूजा के दिन एक गोट पात्र में दूध, मधु, दही, घी और गंगाजल मिला क्षीर सागरक निर्माण कयल जैत अछि । फेर कचका ताग सौं बनल चैदह गिठ्ठह वाला अनंत सूत्र सौं भगवान अनंत के क्षीर सागर में ताकल जैत अछि । 



पूजाक पश्चात अहि ताग के अनंत भगवानक स्वरूप मानि पुरूष अपना दाहिना बांहि पर और स्त्री बाम बांहि पर अनंत के धारण करैत छथि।

मान्यता इहो अछि जे युधिस्ठीर के अप्पन राज पाट अहि उपास सौं पुनः प्राप्त भेल छलन्हि।

अनंतक चैदहो गिठ्ठह में प्रत्येक गिठ्ठह एक एक लोकक प्रतीक होइत अछि जकर रचना भगवान विष्णु केने छलाह। अहि प्रत्येक गिठ्ठह में भगवानक ओहि चैदह रूपक वास मानल जैत अछि जे चौदह लोक में वास करैत छथि।

Sanskar - संस्कार
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