dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

शनिवार, 17 फ़रवरी 2018

नयन सूखल नयि नोरक धार रचयिता - रेवती रमण झा"रमण"

              ||  सूखल नयन नयि नोरक धार ||
                                   
  
पथ हेरि वयस बितल गहि मोख
आँचर  छूछ, विकल  भेल कोख
भेल     संताप    सींथक    सिंदूर
नई   भल  कैल,   कंत  मोर   दूर
सरसिज  सेज  शूलहि  सन भेल
जे  भल हमर  चित्तहि चलि  गेल
शीतल   समीर   ताप   तन  लाग
की  जग  पैच   भेटय  भल  भाग
"रमण" केहन दुर लिखल लिलार
  सुखल  नयन  नञी  नोरक  धार

रचयिता
रेवती रमण झा"रमण"




कोई टिप्पणी नहीं: