dahej mukt mithila

(एकमात्र संकल्‍प ध्‍यान मे-मिथिला राज्‍य हो संविधान मे) अप्पन गाम घरक ढंग ,अप्पन रहन - सहन के संग,अप्पन गाम-अप्पन बात में अपनेक सब के स्वागत अछि!अपन गाम -अपन घरअप्पन ज्ञान आ अप्पन संस्कारक सँग किछु कहबाक एकटा छोटछिन प्रयास अछि! हरेक मिथिला वाशी ईहा कहैत अछि... छी मैथिल मिथिला करे शंतान, जत्य रही ओ छी मिथिले धाम, याद रखु बस अप्पन गाम - अप्पन बात ,अप्पन मान " जय मैथिल जय मिथिला धाम" "स्वर्ग सं सुन्दर अपन गाम" E-mail: apangaamghar@gmail.com,madankumarthakur@gmail.com mo-9312460150

मंगलवार, 26 जुलाई 2011

कियो भेल अछि अवाद@प्रभात राय भट्ट



कियो भेल अछि अवाद@प्रभात राय भट्ट

कि कहू यौ बाबु भैया  कोना हम जिबैछी,
आईखक नोर  घुईट घुई ट हम पिबैछी,
बेईमान सँ बैच क रहू दैतछि हम यी सम्वाद,
कियो भेल अछि अवाद करी कें हमरा बर्वाद,
फुल गुल सँ भरल बगीचा भगेल विराना 
पतझर जीवन देख आब मरैय सब ताना 
बात बात पैर नाक फुला देय सब उलहना 
चोट पैर चोट मरैय देखू निठुर जमाना  
कियोभेलअछिआबाद करीकें हमरा बर्वाद 
कोना चिन्हु चेहरापैर सब लगौने अछि नकाब
कोना करू दोहरी चरित्र क मनुखक हिसाब,
आदमी की चिन्हैयमें धोखा खा जाईत छि
सभकिछु गामा क मोने मोन पचताईछि
गिरगिट जिका बहुरुपिया रंग फेरैत जाईय
पग पग हमर भरोषाके खून करैत जाईय
कियो भेल अछि अवाद करिकें हमरा बर्वाद  

   रचनाकार:-प्रभात राय भट्ट

कोई टिप्पणी नहीं: